विशेषज्ञों ने इस दावे पर सवाल उठाया कि भारत बायोटेक का कोविड-19 टीका ‘कोवैक्सीन’ कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के खिलाफ कारगर हो सकता है.
Written By WolfNewz Editorial | Updated: January 5, 2021 2:00 PM IST

कोरोनावायरस के स्वदेशी टीके ‘कोवैक्सीन’ (Covaxin) की देशभर में चर्चा है. इस पर पूरे देश में बहस चल रही है. ‘कोवैक्सीन’ को लेकर कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सरकार के इस दावे पर सोमवार को सवाल उठाया कि भारत बायोटेक का कोविड-19 टीका ‘कोवैक्सीन’ कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के खिलाफ कारगर हो सकता है और इसका इस्तेमाल ‘बैकअप’ के तौर पर किया जा सकता है. विशेषज्ञों ने इस दावे और टीके की सुरक्षा और प्रभावशीलता के वैज्ञानिक आधार की मांग की.
DCGI granting approval to vaccines of Serum Institute of India and Bharat Biotech accelerates the road to COVID-free nation: PM Modi
— Press Trust of India (@PTI_News) January 3, 2021
रविवार को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की ‘कोविशील्ड’ और स्वदेश विकसित ‘कोवैक्सीन’ के आपातकालीन उपयोग को देश के औषधि नियामक ने मंजूरी दे दी थी. हालांकि, ‘कोवैक्सीन’ (Covaxin)) की प्रभावशीलता और सुरक्षा को लेकर पर्याप्त डेटा उपलब्ध नहीं हैं, जिससे बहस छिड़ गई है. प्रख्यात वायरोलॉजिस्ट शाहिद जमील ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं है कि अंततः ‘कोवैक्सीन’ सुरक्षित साबित होगी और 70 प्रतिशत से अधिक प्रभावशीलता दिखाएगी. उन्होंने कहा कि उनकी चिंताएं टीके को मंजूरी देने के लिए अपनाई गई प्रक्रियाओं और जिम्मेदार पदों पर बैठे व्यक्तियों के बयानों पर आधारित हैं.”
उन्होंने कहा, “यदि मंजूरी के लिए एक प्रतिनिधि आबादी के सुरक्षा और प्रभावशीलता संबंधी डेटा की आवश्यकता होती है, तो दूसरा चरण सुरक्षा और प्रतिरक्षाजनकता (इम्युनोजेनेसिटी) के उस मानदंड को पूरा नहीं करता.” उन्होंने कहा, “यही कारण है कि हम चरण तीन का संचालन करते हैं. वह डेटा कहां है? टीका, दवा नहीं है. वे स्वस्थ लोगों को दिए जाते हैं. ये रोग प्रतिरोधी होता है, कोई इलाज नहीं. सुरक्षा और प्रभावशीलता, दोनों की आवश्यकता होती है.” उन्होंने यह भी सवाल किया कि ‘बैकअप’ के लिए मंजूरी क्या है? क्या इसका मतलब यह है कि यदि आवश्यक होगा, तो अप्रमाणित प्रभावशीलता वाले किसी टीके का उपयोग किया जाएगा?
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डा. बलराम भार्गव ने रविवार को कहा था कि ‘कोवैक्सीन’ में ब्रिटेन में सामने आये वायरस के नये प्रकार सहित अन्य प्रकारों को भी निशाने बनाने की क्षमता है, जो इस टीके को मंजूरी दिये जाने का एक प्रमुख आधार है. हालांकि, उन्होंने कहा कि टीके की प्रभाव क्षमता के बारे में अभी तक कोई स्पष्ट डेटा उपलब्ध नहीं है.